नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर 'मन की बात' में ड्रग्स का मुद्दा उठाया। उन्होंने 'ड्रग्स फ्री इंडिया' का आह्वान करते हुए कहा कि नशे की लत से परिवार के साथ-साथ समाज भी बर्बाद हो रहा है। पीएम कहा कि नशे की रोकथाम के लिए एक हेल्पलाइन भी बनाई जाएगी। उन्होंने ड्रग्स के तीन नुकसान बताए- 3D: D-डिस्ट्रक्शन, डेवस्टेशन और डार्कनेस।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्सर नशा करने वाले बच्चों को खराब इंसान मान लिया जाता है, लेकिन असल में बच्चों में कोई कमी नहीं होती। कुछ विशेष कारणों के चलते वे नशे की गिरफ्त में चले जाते हैं। प्रधानमंत्री ने अभिभावकों को सलाह दी कि बच्चा अगर नशा कर रहा है तो उसे फटकार लगाने के बजाय प्यार से समझाएं।
आतंकियों के पास जाता है ड्रग्स का पैसा
पीएम ने कहा, 'नशे की हालत में युवाओं को कुछ देर के लिए जरूर सुकून का अहसास होता होगा। लेकिन क्या आपने यह सोचा है कि ड्रग्स का यह पैसा कहां जाता है। यह पैसा आतंकवादियों के हथियार खरीदने में जाता है। उनकी गोलियों से हमारे जवान शहीद होते हैं। यानी आपकी ड्रग्स की आदत के चलते हमारे जवान शहीद हो जाते हैं। आप भी देश से प्यार करते हो, फिर अपने ही जवानों के नुकसान में भागीदार क्यों बनते हो?'
भावनात्मक मसलों पर भी चर्चा करें पैरंट्स
पीएम मोदी ने कहा 'जिसके जीवन में कोई लक्ष्य नहीं है, वहां ड्रग्स का प्रवेश होता है। लोग अपने बच्चों को सपना दिखाएं ताकि ड्रग्स उनके जीवन में जगह न बना पाए। मैं मां-बाप से निवेदन करता हूं कि वह अपने बच्चों से भावनात्मक मामलों पर भी चर्चा करें। केवल उनकी परीक्षा, उनके मार्क्स आदि की ही चर्चा न करें। यदि बच्चे मां-बाप के साथ घुलेंगे तो दिल की बात सामने आएगी। बच्चे अचानक नहीं बिगड़ते इसलिए लगातार उनके साथ रहें।'
अभिभावकों को पीएम की सलाह
पीएम ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, '5 वर्ष लौ लीजिये, दस लौं ताड़न देई, सुत ही सोलह वर्ष में, मित्र सरिज गनि देई।' यानी बच्चे की 5 वर्ष की आयु तक माता-पिता प्रेम और दुलार का व्यवहार रखें। इसके बाद जब पुत्र 10 वर्ष का होने को हो तो उसके लिए अनुशासन होना चाहिए। जब बच्चा 16 साल का जब हो जाए तो उसके साथ मित्र जैसा व्यवहार होना चाहिए।
सिलेब्स और खिलाड़ी करें पहल
मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में सिलेब्स और खिलाड़ियों से आग्रह करूंगा कि कि वे भी ड्रग्स फ्री इंडिया के अभियान को आगे बढ़ाएं। मोदी ने कहा, 'मैं सोशल मीडिया पर भी लोगों से आग्रह करता हूं कि वे #DrugsFreeIndia के साथ ट्वीट करें।'
जम्मू-कश्मीर और योग पर भी की बात
मोदी ने रणजी मैच में जम्मू कश्मीर के मुंबई को हराने का जिक्र करते हुए कहा, 'पिछले दिनों बाढ़ से जूझने वाले जम्मू-कश्मीर ने कठिनाईयों के बीच में, बुलंदी के हौसलों के साथ जो विजय हासिल की है वह शानदार है। जम्मू कश्मीर के युवकों ने देश को दिखाया है कि कैसा विपरीत परिस्थितियों में भी कामयाब हुआ जा सकता है।' मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यूएन की सहमति का जिक्र भी अपने संबोधन में किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर 'मन की बात' में ड्रग्स का मुद्दा उठाया। उन्होंने 'ड्रग्स फ्री इंडिया' का आह्वान करते हुए कहा कि नशे की लत से परिवार के साथ-साथ समाज भी बर्बाद हो रहा है। पीएम कहा कि नशे की रोकथाम के लिए एक हेल्पलाइन भी बनाई जाएगी। उन्होंने ड्रग्स के तीन नुकसान बताए- 3D: D-डिस्ट्रक्शन, डेवस्टेशन और डार्कनेस।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्सर नशा करने वाले बच्चों को खराब इंसान मान लिया जाता है, लेकिन असल में बच्चों में कोई कमी नहीं होती। कुछ विशेष कारणों के चलते वे नशे की गिरफ्त में चले जाते हैं। प्रधानमंत्री ने अभिभावकों को सलाह दी कि बच्चा अगर नशा कर रहा है तो उसे फटकार लगाने के बजाय प्यार से समझाएं।
आतंकियों के पास जाता है ड्रग्स का पैसा
पीएम ने कहा, 'नशे की हालत में युवाओं को कुछ देर के लिए जरूर सुकून का अहसास होता होगा। लेकिन क्या आपने यह सोचा है कि ड्रग्स का यह पैसा कहां जाता है। यह पैसा आतंकवादियों के हथियार खरीदने में जाता है। उनकी गोलियों से हमारे जवान शहीद होते हैं। यानी आपकी ड्रग्स की आदत के चलते हमारे जवान शहीद हो जाते हैं। आप भी देश से प्यार करते हो, फिर अपने ही जवानों के नुकसान में भागीदार क्यों बनते हो?'
भावनात्मक मसलों पर भी चर्चा करें पैरंट्स
पीएम मोदी ने कहा 'जिसके जीवन में कोई लक्ष्य नहीं है, वहां ड्रग्स का प्रवेश होता है। लोग अपने बच्चों को सपना दिखाएं ताकि ड्रग्स उनके जीवन में जगह न बना पाए। मैं मां-बाप से निवेदन करता हूं कि वह अपने बच्चों से भावनात्मक मामलों पर भी चर्चा करें। केवल उनकी परीक्षा, उनके मार्क्स आदि की ही चर्चा न करें। यदि बच्चे मां-बाप के साथ घुलेंगे तो दिल की बात सामने आएगी। बच्चे अचानक नहीं बिगड़ते इसलिए लगातार उनके साथ रहें।'
अभिभावकों को पीएम की सलाह
पीएम ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, '5 वर्ष लौ लीजिये, दस लौं ताड़न देई, सुत ही सोलह वर्ष में, मित्र सरिज गनि देई।' यानी बच्चे की 5 वर्ष की आयु तक माता-पिता प्रेम और दुलार का व्यवहार रखें। इसके बाद जब पुत्र 10 वर्ष का होने को हो तो उसके लिए अनुशासन होना चाहिए। जब बच्चा 16 साल का जब हो जाए तो उसके साथ मित्र जैसा व्यवहार होना चाहिए।
सिलेब्स और खिलाड़ी करें पहल
मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में सिलेब्स और खिलाड़ियों से आग्रह करूंगा कि कि वे भी ड्रग्स फ्री इंडिया के अभियान को आगे बढ़ाएं। मोदी ने कहा, 'मैं सोशल मीडिया पर भी लोगों से आग्रह करता हूं कि वे #DrugsFreeIndia के साथ ट्वीट करें।'
जम्मू-कश्मीर और योग पर भी की बात
मोदी ने रणजी मैच में जम्मू कश्मीर के मुंबई को हराने का जिक्र करते हुए कहा, 'पिछले दिनों बाढ़ से जूझने वाले जम्मू-कश्मीर ने कठिनाईयों के बीच में, बुलंदी के हौसलों के साथ जो विजय हासिल की है वह शानदार है। जम्मू कश्मीर के युवकों ने देश को दिखाया है कि कैसा विपरीत परिस्थितियों में भी कामयाब हुआ जा सकता है।' मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यूएन की सहमति का जिक्र भी अपने संबोधन में किया।
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