इलाहाबाद
गंभीर बीमारियों के लिए ब्लड टेस्ट कराने के लिए कुछ दिनों बाद आपको अस्पताल या किसी लैब तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आने वाले दिनों में आप अपने मोबाइल से ही अपना ब्लड टेस्ट करवा सकेंगे और इसमें एक मेसेज के जरिए ही आपको अपनी रिपोर्ट भी मिल जाएगी।
इस डिवाइस को बनाने में अहम रोल निभाने वाली वैज्ञानिक लीना नेल्सन इन दिनों इलाहाबाद में सातवें साइंस कॉनक्लेव में हिस्सा लेने पहुंची हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका की एक लैब में बनी यह डिवाइस असल में एक मोबाइल ही है और इसकी वियतनाम, भारत और नेपाल में टेस्टिंग की जा रही है।
अपने इस प्रॉजेक्ट के बारे में लीना ने कहा है कि यह डिवाइस दुनिया भर में मरीजों में बीमारियों और उनके लक्षणों की कम समय में पहचान कर लाखों लोगों को बचाने के काम आ सकती है। उनका कहना था कि टीबी और मलेरिया जैसी बीमारियों में कम कीमत और समय में टेस्ट कर बेहतर रिजल्ट्स की काफी जरूरत है। शहरों और स्वास्थ्य सुविधाओं से दूर बसे इलाकों में ये डिवाइस काफी मददगार साबित हो सकती है और इससे लिए जाने वाले सैंपल को कलेक्ट करने के लिए विशेषज्ञों की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
इस डिवाइस के जरिए मोबाइल में फोटो, ब्लड, बगलम और दूसरे सैंपल लेकर वायरलेस तकनीक से उन्हें कहीं भी भेजा जा सकेगा। और कम समय में ही मरीज को मोबाइल पर रिपोर्ट के साथ इलाज और दूसरी सावधानियां भी बताई जा सकती हैं। लीना ने कहा कि डिजिटल मोबाइल माइक्रोस्कोप से ब्लड या बलगम की फोटो लेकर उन्हें खास कंप्यूटर की मदद से जांचा जाएगा और कम समय में रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी।
गंभीर बीमारियों के लिए ब्लड टेस्ट कराने के लिए कुछ दिनों बाद आपको अस्पताल या किसी लैब तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आने वाले दिनों में आप अपने मोबाइल से ही अपना ब्लड टेस्ट करवा सकेंगे और इसमें एक मेसेज के जरिए ही आपको अपनी रिपोर्ट भी मिल जाएगी।
इस डिवाइस को बनाने में अहम रोल निभाने वाली वैज्ञानिक लीना नेल्सन इन दिनों इलाहाबाद में सातवें साइंस कॉनक्लेव में हिस्सा लेने पहुंची हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका की एक लैब में बनी यह डिवाइस असल में एक मोबाइल ही है और इसकी वियतनाम, भारत और नेपाल में टेस्टिंग की जा रही है।
इस डिवाइस के जरिए मोबाइल में फोटो, ब्लड, बगलम और दूसरे सैंपल लेकर वायरलेस तकनीक से उन्हें कहीं भी भेजा जा सकेगा। और कम समय में ही मरीज को मोबाइल पर रिपोर्ट के साथ इलाज और दूसरी सावधानियां भी बताई जा सकती हैं। लीना ने कहा कि डिजिटल मोबाइल माइक्रोस्कोप से ब्लड या बलगम की फोटो लेकर उन्हें खास कंप्यूटर की मदद से जांचा जाएगा और कम समय में रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी।
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