Wednesday, December 17, 2014

CREDIT CARD चुनने से पहले याद रखें ये 5 बातें, नहीं आएगी कोई मुश्किल

CREDIT CARD चुनने से पहले याद रखें ये 5 बातें, नहीं आएगी कोई मुश्किल

नई दिल्ली. सत्यप्रकाश शर्मा ने 6 महीने पहले ही बड़ी कंपनी में अच्छी सैलरी पर नौकरी शरू की है। नौकरी शुरू
करते ही उनको क्रेडिट कार्ड के लिए कई बड़े बैंकों के फोन आने शुरू हो गए। कैशलेस ट्रांजैक्शंस के साथ मुफ्त क्रेडिट का आकर्षण क्रेडिट कार्ड लेने के लिए खींचता है। सत्यप्रकाश को भी फ्री में क्रेडिट कार्ड ऑफर किया गया, उन्हें बताया गया कि कोई चार्ज भी नहीं देना होगा। इन कॉल्स के चक्कर में फंसकर सत्यप्रकाश ने क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए हां बोल दी। क्रेडिट कार्ड मिलने के बाद उनका पहले महीने का ही बिल इतना आया कि सत्यप्रकाश चौंक गए। अब सत्यप्रकाश कई फाइनेंशियल दिक्कतों में फंस गए हैं। हम आपको आज ये ही जानकारी दे रहे हैं कि क्रेडिट कार्ड चुनने से पहले किसी लुभावने ऑफर में न पड़ें बल्कि पहले इन 5 चीजों पर ध्यान दें तो आप भविष्य में मुश्किलों से बच सकते हैं।

1. इंट्रेस्ट रेट, चार्जेज और पेनाल्टी देखें

कुछ कार्ड जीरो ऐनुअल रेंटल ऑफर करते हैं, लेकिन इनका इंट्रेस्ट रेट ज्यादा हो सकता है। आपके लिए कौन सा कार्ड सही रहेगा, यह आपके यूजेज पर निर्भर करेगा। अगर आप हर महीने बकाया बैलेंस चुकाने की हालत में नहीं हैं, तो कम इंट्रेस्ट रेट वाला कार्ड चुनें। हालांकि, अगर आप पूरा बैलेंस चुका सकते हैं तो कार्ड के इंट्रेस्ट रेट का आपके लिए ज्यादा महत्व नहीं होगा। इसके साथ ही लेट पेमेंट पर पेनल्टी या क्रेडिट लिमिट से ज्यादा खर्च करने पर चार्ज की जानकारी भी लें। अगर आप एक भी पेमेंट चूकते हैं तो आपका इंट्रेस्ट रेट 16-20 पर्सेंट से बढ़कर 36 पर्सेंट पर जा सकता है।



2. क्रेडिट लिमिट और ग्रेस पीरियड पर विचार करें

कार्ड लेने से पहले, क्रेडिट लिमिट देखना जरूरी है। अगर आपके कार्ड का इस्तेमाल कम होना है, तो कम लिमिट वाला कार्ड चुनें। इसके अलावा ग्रेस पीरियड को भी जरूर देखें। ये वो अवधि होती है जिसमें आप बिना फीस के बैलेंस का भुगतान कर सकते हैं। आमतौर पर ग्रेस पीरियड बिलिंग साइकल खत्म होने के 15-20 दिन बाद तक का होता है। लंबे ग्रेस पीरियड से आपको अपनी बकाया रकम चुकाने के लिए ज्यादा समय मिलता है। अगर आप बैलेंस का पूरा भुगतान नहीं करते या मिनिमम अमाउंट चुकाते हैं तो ग्रेस पीरियड लागू नहीं होता।

3. खर्च करने की आदतों के मुताबिक होने चाहिए रिवॉर्ड

अगर आप रिवॉर्ड बेनेफिट्स वाला कार्ड चुन रहे हैं तो रिवॉर्ड आपकी खर्च करने की आदतों और लाइफस्टाइल के मुताबिक होने चाहिए। अगर आप किसी रेस्टोरेंट चेन में अक्सर डिनर के लिए जाते हैं तो ऐसा कार्ड चुनें जो आपको इसके लिए रिवॉर्ड पॉइंट या कैश बैक देता हो। कुछ कार्ड अक्सर हवाई यात्रा करने वालों के लिए पेश किए जाते हैं। अगर आप हर बार हवाई सफर करने पर फ्री एयर माइल्स हासिल करते हैं तो इससे आप काफी बचत कर सकते हैं। दूसरी ओर, अगर आप ज्यादा ड्राइव करते हैं तो ऐसा कार्ड चुनें जो पेट्रोल खरीदने पर रिवॉर्ड पॉइंट या फ्यूल सरचार्ज में छूट की पेशकश करता हो। आप आप यूटिलिटी बिल्स के भुगतान के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए रिवॉर्ड देने वाला कार्ड ले सकते हैं।

4. बैलेंस का कैलकुलेशन जानें

अपना पहला कार्ड लेने से पहले यह जानना महत्वपूर्ण है कि चार्जेज कैसे कैलकुलेट किए जाते हैं। आमतौर पर इसके लिए डेली एवरेज बैलेंस का तरीका अपनाया जाता है। इसमें रोजाना का बैलेंस जोड़कर बिलिंग साइकल में दिनों की संख्या से उसे भाग दिया जाता है। कुछ कार्ड में टु-साइकल बिलिंग मेथड के आधार पर दो बिलिंग साइकल के इस्तेमाल से बैलेंस कैलकुलेट किया जाता है। इनकी कॉस्ट ज्यादा होती है। सबसे अच्छा तरीका एडजस्टेड बैलेंस मेथड है, जिसमें बिलिंग साइकल के दौरान पेमेंट करने पर बैलेंस घट जाता है। साइकल के दौरान की गई नई खरीदारी को नहीं जोड़ा जाता और चार्जेज कम होते हैं।

5. कार्ड का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करें

अपने नए कार्ड पर शुरुआत में बड़ी खरीदारी न करें। समय पर पेमेंट करें और हर महीने पूरे बैलेंस का भुगतान करें। बैलेंस को कैरी फॉरवर्ड करने से बचें और अच्छा ट्रैक रेकॉर्ड रखें जिससे आपके क्रेडिट स्कोर पर असर नहीं पड़ेगा। अपने कार्ड एक्टिव रखें। कैश अडवांस के लिए कार्ड का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि इस तरह की ट्रांजैक्शंस के लिए इंटरेस्ट रेट बहुत ज्यादा होते हैं और कोई ग्रेस पीरियड नहीं मिलता।


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