Wednesday, December 17, 2014

पाकिस्तान में आतंकी हमले में 132 बच्चों समेत 141 की मौत, सभी आतंकी ढेर

Terrorist attack on army school in Pakistan

पेशावर। पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर के एक आर्मी स्कूल में मंगलवार को तालिबानी आतंककारियों ने मासूम 132 बच्चों की हत्या करके इंसानियत को शर्मसार कर दिया।

स्कूल पर हुए इस हमले में इन बच्चों समेत कुल 141 लोग मारे गए और कम से कम 122 लोग घायल हो गए। आर्मी स्कूल में हुए हमले के बाद छात्रों को बचाने के लिए पाकिस्तानी सेना का अभियान तालिबानी आतंककारियों के साथ नौ घंटे के संघर्ष के बाद समाप्त हो गया( 

हमले में सभी सात आतंकी भी मारे गए हैं। सेना के प्रवक्ता असीम बजावल ने बताया कि स्कूल में सातआतंकी घुसे थे और उन्होंने घुसते ही मासूम बच्चों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। आतंककारियों ने कोई मांग नहीं की थी और उनका मकसद बच्चों को बंधक बनाना नहीं था।

उन्होंने बताया कि 15 मिनट के अन्दर ही सुरक्षा बल मौके पर पहुंच गए थे। स्कूल में 1100 बच्चें थे। इस हमले मेंआतंककारियों ने 132 बच्चों और स्कूल के नौ कर्मचारियों की हत्या कर दी, जबकि 960 लोगों को बचा लिया गया। सेना का अभियान अब समाप्त हो गया है और इस अभियान में सभी आतंकी मारे गए हैं। स्कूल को अब प्रशासन के हवाले कर दिया गया है। 

बजावल ने बताया कि इस घटना में सेना के दो जवान भी जख्मी हुए हैं। उन्होंने बताया कि आतंककारियों का मकसद ज्यादा से ज्यादा नुकसान करना था। हम इस हमले में मारे गए लोगों के परिजनो के प्रति हम संवदेना व्यक्त करते हैं। कोई भी नहीं सोच सकता था कि आतंकी बच्चों को निशाना बनाएंगे।

पाकिस्तान के इतिहास में अब तक के इस सबसे बडे आतंकी हमले से समूचा विश्व हतप्रभ रह गया है। पाकिस्तान सरकार ने इस घटना पर तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इसे राष्ट्रीय त्रासदी करार दिया है। 

भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से टेलीफोन पर बातचीत करके पेशावर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में मंगलवार को हुए आतंकी हमले पर गहरा शोक व्यक्त किया। मोदी ने शरीफ से कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत पाकिस्तान के साथ दृढ़ता के साथ खड़ा है। 

उन्होंने कहा, मैंने शरीफ से कहा कि दुख की इस घड़ी में हम संभव मदद देने के लिए तैयार हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने पाकिस्तान के एक स्कूल में हुए तालिबानी आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे एक जघन्य और कायरतापूर्ण हरकत बताया है। 

मून ने कहा कि इस तरह की जघन्य घटना की जितनी निंदा की जाए उतनी ही कम है। उन्होंने कहा कि शिक्षा पाना प्रत्येक बच्चे का अधिकार है। स्कूल जाना कोई साहस का काम नहीं होना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि स्कूल में जिस तरह से आतंककारियों ने मासूम बच्चों को निशाना बनाया वह बहुत शर्मनाक है। 


सुषमा ने सांसदों का रात्र्रिभोज रद्द किया 
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में पेशावर के स्कूल पर आतंकी हमले में मासूम बच्चों के मारे जाने के मद्देनजर सांसदों के लिए मंगलवार को आयोजित रात्रिभोज रद्द कर दिया है। स्वराज ने शाम को टि्वटर पर सूचना दी कि इस घटना के कारण रात्रिभोज रद्द किया जाता है। 

पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने हमले की भत्र्सना करते हुए कहा कि ऎसे कायराना हमलों से देश का मनोबल कमजोर नहीं होगा। पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ाई को लेकर प्रतिबद्ध है और इस तरह के हमले उसे राह से हटा नहीं सकते। 

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आतंकी हमले की कड़ी निन्दा करते हुए इसे राष्ट्रीय त्रासदी करार दिया है। वह आतंककारियों के खिलाफ अभियान की निगरानी के लिए पेशावर पहुंच गए हैं। उन्होंने हमले की घटना पर तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। घटना के बाद पेशावर पहुंचे शरीफ ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, इस घाटना ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की शुरूआत कर दी है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार देश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह इस मुहिम में अफगानिस्तान से मिलकर काम करेंगे। शरीफ ने गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान को फोन करके इस संकट से उबरने में खैबर पख्तूनख्वा सरकार की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए। 

उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा के राज्यपाल सरदार माहताब अव्बासी को राहत एवं बचाव कार्य में सुरक्षा बलों को सभी जरूरी सहायता उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि निर्दोष बच्चों को निशाना बनाना बर्बरता का बदतर तरीका है। 

उन्होंने हमले के बाद 18 दिसंबर से पार्टी के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन को स्थगित कर दिया। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पीटीआई की सरकार है। पाकिस्तान में बालिका शिक्षा के लिए आवाज उठाने के कारण तालिबानी हमले की शिकार हुई नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने पेशावर के एक आर्मी स्कूल में आतंककारियों द्वारा मासूम बच्चों की हत्या करने की घटना की निंदा की है। 

मलाला ने सोशल नेटवार्कि ंग साइट टिव्टर पर कहा, पेशावर में आतंकारियों द्वारा की गई इस नासमझी की घटना से मैं आहत हूं। स्कूल में मासूम बच्चों के लिए इस तरह के आतंक का कोई स्थान नहीं हैं मैं इस तरह की कायराना हरकत की निंदा करती हूं और मैं पाकिस्तान सरकार तथा सुरक्षा बलों के साथ हूं जिन्होंने इस भयावह घटना पर काबू पाने के लिए सराहनीय प्रयास किया। 

उन्होंने कहा, मैं विश्व भर के लाखों लोगों के साथ इन बच्चों के लिए दुख व्यक्त करती हूं, लेकिन हम कभी हार नहीं मानेंगे। पाकिस्तान के अखबार दि नेशन के अनुसार प्रान्त के मुख्यमंत्री परवेज खत्ताक ने संवाददाताओं से बातचीत में मृतकों की इस संख्या की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री सचिवालय के सूचना निदेशक बह्रमंद खान ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। 

उन्होंने बताया कि हमले में 100 से अधिक स्कूली बच्चे मारे गए हैं। एक बस ड्राइवर जमशेद खान ने बताया कि वह स्कूल के बाहरखड़ा था। अचानक फायरिंग शुरू हो गई तथा चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई तथा बच्चों और शिक्षकों की चीख पुकार मच गई। एक टीचर के मुताबिक स्कूल में उस वक्त इम्तिहान चल रहे थे। 

करीब डेढ़ घंटे बाद सेना आई और स्कूल को सील कर दिया। बाद में सेना ने एक-एक कर सभी कक्षाओं से बच्चों एवं टीचरों को बाहर निकाला। तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने कहा है कि तालिबान के फिदायीनों ने स्कूल में प्रवेश किया है, लेकिन उन्हें बच्चाेंं को नुकसान नहीं पहुंचाने और सिर्फ सेना के लोगों को निशाना बनाने की हिदायत थी। 

तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला उत्तरी वजीरिस्तान में सेना की कार्रवाई का बदला लेने के लिए किया गया। आतंककारियों के खिलाफ ऑपरेशन में टैंक और हेलिकॉप्टर की भी मदद ली गई। दो हेलिकॉप्टर स्कूल के ऊपर लगातार मंडराते हुए इस पर नजर रख रहे थे। सेना ने बंधक बने 1500 बच्चों में से 1000 बच्चों को बचा लिया है।

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