सिडनी
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के मार्टिन प्लेस स्थित लिंट कैफे में बंधक संकट खत्म हो गया है। सोमवार आधी रात कमांडो ऑपरेशन के जरिए इसे अंजाम दिया गया। ऑस्ट्रेलियन मीडिया ने कहा कि पुलिस ने सिडनी कैफे बंधक में 3 की मौत और चार लोगों के जख्मी होने की पुष्टि की है। पुलिस ने बताया कि एक 34 साल के आदमी और एक 38 साल की महिला समेत तीन लोग मारे गए हैं। मारे गए लोगों में एक बंदूकधारी है और दो बंधक हैं। पुलिस ने बताया कि बंदूकधारियों ने 17 लोगों को बंधक बनाया था। कैफे में बंधक बनाकर रखे गए दो भारतीय नागरिकों समेत सभी लोगों को छुड़ा लिया गया है।
सिडनी के लिंट कैफे में बंधक संकट के करीब 16 घंटे बाद भारतीय समयानुसार रात करीब पौने नौ बजे अचानक गोलीबारी और धमाकों की आवाजें सुनाई दीं।
इसके बाद कुछ बंधक बदहवासी में भागते हुए बाहर निकले। न्यू साथ वेल्स पुलिस के कमांडो भी कैफे के अंदर घुसते हुए दिखे। करीब आधे घंटे में इस ऑपरेशन को अंजाम दे दिया गया। ऑपरेशन के बाद बम होने की आशंका में रोबॉट के जरिए कैफे की तलाशी ली गई।
ऑपरेशन शुरू होते ही ऐंबुलेंस की कई गाड़ियां कैफे के बाहर पहुंच गई थीं। ऑपरेशन के बाद कुछ घायल लोगों को सुरक्षाकर्मी स्ट्रेचर के जरिए बाहर निकालते देखे गए। कुछ सुरक्षाकर्मी घायलों को गोद में उठाकर ऐंबुलेंस की ओर दौड़कर पहुंच रहे थे।
दोनों भारतीय बंधक सुरक्षितः विदेश मंत्रालय ने बताया कि बंधक बनाए गए दोनों भारतीय अंकिरेड्डी विश्वकांत और पुष्पेंदु घोष सुरक्षित हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए थे। विश्वकांत के दोस्त तथा सहकर्मी ने सिडनी के एक टेलिविजन चैनल से सोमवार को कहा कि उन्होंने उसे टेलिविजन फुटेज में पहचाना। वह आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रहने वाले हैं और प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस में कार्यरत हैं।
इससे पहले कैफे में करीब 40 लोगों को बंधक बनाकर रखे हुए बंदूकधारी की पहचान शेख हारून मोनिस है के रूप में हुई थी। वह ईरानी शरणार्थी है। वह 1996 में ईरान से भागकर ऑस्ट्रेलिया आ गया था।
पुलिस के मुताबिक 49 साल के स्वयंभू मौलवी शेख हारून पर कई आपराधिक केस दर्ज हैं। मोनिस अपनी पत्नी की हत्या की साजिश का आरोपी है। वह दिनों इस मामले में बेल पर है। उस पर सात महिलाओं से यौन दुर्व्यवहार का भी आरोपी है। उसने अफगानिस्तान में ऑस्ट्रेलियाई फौज की मौजदूगी की आलोचना की थी।
सिडनी बंधक कांडः कब, क्या, कैसे?
इस तरह फैली दहशत
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के मार्टिन प्लेस स्थित लिंट कैफे में बंधक संकट खत्म हो गया है। सोमवार आधी रात कमांडो ऑपरेशन के जरिए इसे अंजाम दिया गया। ऑस्ट्रेलियन मीडिया ने कहा कि पुलिस ने सिडनी कैफे बंधक में 3 की मौत और चार लोगों के जख्मी होने की पुष्टि की है। पुलिस ने बताया कि एक 34 साल के आदमी और एक 38 साल की महिला समेत तीन लोग मारे गए हैं। मारे गए लोगों में एक बंदूकधारी है और दो बंधक हैं। पुलिस ने बताया कि बंदूकधारियों ने 17 लोगों को बंधक बनाया था। कैफे में बंधक बनाकर रखे गए दो भारतीय नागरिकों समेत सभी लोगों को छुड़ा लिया गया है।
सिडनी के लिंट कैफे में बंधक संकट के करीब 16 घंटे बाद भारतीय समयानुसार रात करीब पौने नौ बजे अचानक गोलीबारी और धमाकों की आवाजें सुनाई दीं।
इसके बाद कुछ बंधक बदहवासी में भागते हुए बाहर निकले। न्यू साथ वेल्स पुलिस के कमांडो भी कैफे के अंदर घुसते हुए दिखे। करीब आधे घंटे में इस ऑपरेशन को अंजाम दे दिया गया। ऑपरेशन के बाद बम होने की आशंका में रोबॉट के जरिए कैफे की तलाशी ली गई।
ऑपरेशन शुरू होते ही ऐंबुलेंस की कई गाड़ियां कैफे के बाहर पहुंच गई थीं। ऑपरेशन के बाद कुछ घायल लोगों को सुरक्षाकर्मी स्ट्रेचर के जरिए बाहर निकालते देखे गए। कुछ सुरक्षाकर्मी घायलों को गोद में उठाकर ऐंबुलेंस की ओर दौड़कर पहुंच रहे थे।
दोनों भारतीय बंधक सुरक्षितः विदेश मंत्रालय ने बताया कि बंधक बनाए गए दोनों भारतीय अंकिरेड्डी विश्वकांत और पुष्पेंदु घोष सुरक्षित हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए थे। विश्वकांत के दोस्त तथा सहकर्मी ने सिडनी के एक टेलिविजन चैनल से सोमवार को कहा कि उन्होंने उसे टेलिविजन फुटेज में पहचाना। वह आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रहने वाले हैं और प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस में कार्यरत हैं।
इससे पहले कैफे में करीब 40 लोगों को बंधक बनाकर रखे हुए बंदूकधारी की पहचान शेख हारून मोनिस है के रूप में हुई थी। वह ईरानी शरणार्थी है। वह 1996 में ईरान से भागकर ऑस्ट्रेलिया आ गया था।
पुलिस के मुताबिक 49 साल के स्वयंभू मौलवी शेख हारून पर कई आपराधिक केस दर्ज हैं। मोनिस अपनी पत्नी की हत्या की साजिश का आरोपी है। वह दिनों इस मामले में बेल पर है। उस पर सात महिलाओं से यौन दुर्व्यवहार का भी आरोपी है। उसने अफगानिस्तान में ऑस्ट्रेलियाई फौज की मौजदूगी की आलोचना की थी।
सिडनी बंधक कांडः कब, क्या, कैसे?
इस तरह फैली दहशत
4:15 am (भारतीय समयानुसार) : सिडनी में पुलिस को कॉल आई कि एक बंदूकधारी ने मार्टिन प्लेस के मशहूर लिंट चॉकलेट कैफे में कई लोगों को बंधक बना लिया है।
4:45 am : पुलिस ने मार्टिन प्लेस की घेराबंदी कर दी। रेलवे स्टेशन बंद कर दिया गया। भारतीय दूतावास समेत अन्य नजदीकी इमारतों को खाली कराया जाने लगा।
5:25 am : बंदूकधारी हमलावर ने कुछ लोगों को कैफे की खिड़की पर खड़ा कर दिया। उनके हाथ में इस्लामी झंडा था, जिस पर अरबी भाषा में लिखा था।
6:30 am : मध्यस्थों के जरिए हमलावर से बात की गई। उसने इस्लामिक स्टेट (IS) का झंडा मांगा और पीएम से लाइव रेडियो पर बात करने की डिमांड रखी।
10:07 am : बंधक लोगों में से तीन पुरुष भागते हुए कैफे से बाहर आए। 11.30 बजे दो महिलाएं भी बदहवास दौड़ती हुई बाहर निकलीं।
8.45 pm: ऑपरेशन के बाद बंधक संकट खत्म
8.45 pm: ऑपरेशन के बाद बंधक संकट खत्म
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