भारत ने आज ओडिशा तट के पास परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम सामरिक बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 4000 किलोमीटर तक है। अग्नि-4 का यह चौथा परीक्षण है। पिछला परीक्षण ओडिशा तट के समीप इसी परीक्षण केंद्र से इस साल 20 जनवरी को सफलतापूर्वक किया गया था।
वीलर आइलैंड पर स्थित आईटीआर के परीक्षण परिसर-4 से सुबह दस बजकर 20 मिनट पर मोबाइल लॉन्चर की मदद से यह मिसाइल दागी गई। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(DRDO) के डीपीआई रवि कुमार गुप्ता ने बताया कि विशेष रुप से तैयार रणनीतिक बल कमान ने यह परीक्षण किया जो सफल रहा।
सूत्रों ने कहा, 'सतह से सतह पर मार करने वाली अत्याधुनिक मिसाइल उच्च स्तर का भरोसा पैदा करने के लिए आधुनिक टेक्नॉलजी से लैस है।' अग्नि-4 मिसाइल में अत्याधुनिक पांचवी पीढ़ी का ऑन बोर्ड कंप्यूटर सिस्टम है। उसमें रास्ते में उत्पन्न होने वाले अवरोध को दूर करने के लिए नवीनतम व्यवस्था की गई है।
सूत्रों के अनुसार अग्नि-1, 2 और 3 और पृथ्वी मिसाइलें पहले से ही सशस्त्र बलों के बेडे में शामिल हैं। इससे डिफेंस फोर्सेस को 3000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक की मारक क्षमता मिलती है।
तट के पास लगाए गए रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम ने मिसाइल के सभी मापदंडों पर नजर रखी। टारगेट के पास खड़े मिलिटरी के 2 जहाज आखिरी प्रक्रिया के गवाह बने।
वीलर आइलैंड पर स्थित आईटीआर के परीक्षण परिसर-4 से सुबह दस बजकर 20 मिनट पर मोबाइल लॉन्चर की मदद से यह मिसाइल दागी गई। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(DRDO) के डीपीआई रवि कुमार गुप्ता ने बताया कि विशेष रुप से तैयार रणनीतिक बल कमान ने यह परीक्षण किया जो सफल रहा।
सूत्रों ने कहा, 'सतह से सतह पर मार करने वाली अत्याधुनिक मिसाइल उच्च स्तर का भरोसा पैदा करने के लिए आधुनिक टेक्नॉलजी से लैस है।' अग्नि-4 मिसाइल में अत्याधुनिक पांचवी पीढ़ी का ऑन बोर्ड कंप्यूटर सिस्टम है। उसमें रास्ते में उत्पन्न होने वाले अवरोध को दूर करने के लिए नवीनतम व्यवस्था की गई है।
सूत्रों के अनुसार अग्नि-1, 2 और 3 और पृथ्वी मिसाइलें पहले से ही सशस्त्र बलों के बेडे में शामिल हैं। इससे डिफेंस फोर्सेस को 3000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक की मारक क्षमता मिलती है।
तट के पास लगाए गए रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम ने मिसाइल के सभी मापदंडों पर नजर रखी। टारगेट के पास खड़े मिलिटरी के 2 जहाज आखिरी प्रक्रिया के गवाह बने।
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