Tuesday, December 2, 2014

सुकमा अटैकः माओवादियों ने ग्रामीणों को ढाल बनाकर किया हमला



छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा में सोमवार का दिन सीआरपीएफ के 13 जवानों के लिए काल बनकर आया। चिंतागुफा के पास नक्सलियों ने ग्रामीणों को ढाल बनाकर सीआरपीएफ जवानों पर हमला बोला। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले के बारे में सीआरपीएफ अधिकारियों से बात करने के बाद यह जानकारी दी। इस हमले में दो अधिकारियों समेत सीआरपीएफ के 13 जवान शहीद हो गए।

गृह मंत्री ने इस घटना को कायराना बताते हुए कहा कि उनकी सीआरपीएफ के डीजी से बातचीत हुई है। राजनाथ ने कहा कि वह हमले की सूचना मिलने के बाद ही सुकमा जाना चाहते थे, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते वह मंगलवार सुबह रवाना होंगे।

सुकमा में सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे सीआरपीएफ के 223 बटालियन तथा 206 कोबरा बटालियन के जवान स्थानीय पुलिस बल के साथ एल्मागोड़ा और एर्राबोर क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन के लिए निकले थे। उनका गश्ती दल जैसे ही चिंतागुफा इलाके में पहुंचा, नक्सलियों ने उनपर हमला बोल दिया।

सीआरपीएफ अधिकारियों के मुताबिक नक्सलियों ने जवाबी गोलीबारी से बचने के लिए बेहद कायराना तरीके से गांववालों को अपनी ढाल के तौर पर इस्तेमाल किया। इसने जवानों के हाथ बांध दिए। गांववालों के सामने होने से बेबस जवान नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब नहीं दे पाए।नक्सलियों के इस बर्बर हमले में 13 जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसमें एक डेप्युटी कमांडेंट और एक असिस्टेंट कमांडेंट शामिल है।

पहले भी बड़े हमले कर चुके हैं माओवादी
21 नवंबर, 2014 : सुकमा में मुठभेड़, 5 जवान घायल। वायुसेना के हेलिकॉप्टर पर भी फायरिंग।
11 मार्च, 2014 : सुकमा में माओवादियों ने हमला किया, 15 जवान शहीद।
28 फरवरी, 2014 : दंतेवाड़ा में पुलिस के एसएचओ समेत 6 सिपाही मारे गए।
2 जून, 2013 : दुमका में हुए हमले में पाकुर के एसपी समेत 5 पुलिसकर्मी शहीद।
25 मई, 2013 : नक्सल अटैक में पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा समेत 25 कांग्रेसी नेताओं की मौत।

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