Tuesday, December 16, 2014

हर फील्ड में होता है कास्टिंग काउच : कल्कि कोचलिन

Casting couch is in every field : kalki koechlin

जयपुर। "बॉलीवुड ग्लैमर से जुड़ा फील्ड है, यहां छोटी से छोटी बात भी एक नेशनल मुद्दा बन जाती है। लोगों की यह धारणा है कि कास्टिंग काउच सिर्फ बॉलीवुड में ही होता है, जबकि मेरा मानना है कि ऎसा कोई फील्ड नहीं है, जहां कास्टिंग काउच ना हो। बस, बॉलीवुड के नाम पर लोग आगे आने लग जाते हैं, लोगों को यह रेप की तरह लगता है, जो बिलकुल नहीं है।" यह कहना है, बॉलीवुड एक्ट्रेस कल्कि कोचलिन का। 

जयरंगम थिएटर फेस्टिवल में हिस्सा लेने आई कल्कि ने रवीन्द्र मंच पर सोमवार को एक मोनोलॉक शो की प्रस्तुति दी। उन्होंने जयपुराइट्स के लिए "द ट्रूथ ऑफ वीमनहुड" का स्पेशल शो पेश किया और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर सीधे चर्चा की। इस प्रस्तुति में उन्होंने समाज को पुरूष्ाप्रधान को बताया, महिलाएं सिर्फ आरक्षण के लिए बनी है। महिलाओं की रेस्पेक्ट और सुरक्षा तो कोई मायने ही नहीं है। नाटक के जरिए महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने एजुकेशन को स्ट्रॉन्ग और देश में सिक्योरिटी सिस्टम को चुस्त करने की बात कही।

रिसर्च जरूरी
कल्कि ने कहा कि "बॉलीवुड मे ऎसे कई कलाकार हैं, जिनके पास काम की कोई कमी नहीं है और वे सिर्फ अपने काम से जाने जाते हैं। वे फिल्म की शूटिंग करने से पहले कई महीनों तक अपने किरदार पर रिसर्च करते हैं, उसके बाद शूट करते हैं। उनमें नसीरूद्दीन शाह और इरफान खान सबसे आगे है। इन्हीं की तरह मैं भी कैरेक्टर को निभाने से पहले रिसर्च करना पसंद करती हूं। 

"मार्गरिटा..." रही टफ 
अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट के बारे में कल्कि ने बताया कि "फिल्म "मार्गरिटा, विद् ए स्ट्रॉ" मेरे दिल के सबसे करीब है। यह फिल्म अगले साल अप्रेल में रिलीज होगी। इसमें सेरेब्रल पाल्सी से पीडित लड़की का किरदार निभा रही हूं। व्हीलचेयर पर बैठी रहने वाली इस लड़की का रोल निभाने के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी। असल में फिल्म की प्रोडयूसर-डायरेक्टर शोनाली बॉस की कजिन मालिनी को भी यही बीमारी है। यह काम के प्रति मेरा समर्पण ही था, जिससे मैं इस किरदार को जी पाई।"

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