नई दिल्ली। मोदी सरकार के लिए मंगलवार का दिन संसद में अहम दिन है। आज राज्यसभा में बीमा संशोधन बिल को पेश किया जाएगा। इस बिल में बीमा क्षेत्र में एफ डीआई की सीमा 26 फीसद से 49 फीसद करने का प्रावधान है। राज्यसभा में बिल को पास कराना एनडीए सरकार के लिए आसान काम नहीं है क्योंकि टीएमसी, जनता दल और समाजवादी पार्टी सहित कई रीजनल पार्टियां ने पहले ही इसका विरोध जताया है। उपरी सदन में एनडीए के पास पर्याप्त बहुमत भी नहीं है। लंबे समय से लंबित आर् थिक सुधारों की राह खोलते हुए कांग्रेस ने पहले ही इस बिल को समर्थन देने की सहमति जताई है।
इस सत्र में पेश होगा जीएसटी
वहीं दूसरी ओर सोमवार को केंद्र व राज्य सरकारों के बीच प्रस्तावित वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) पर समझौता हो गया। इस समझौते के तहत केंद्र ने यहां पेट्रोलियम को इस प्रस्तावित कर प्रणाली से बाहर रखने का फैसला किया है। इसके साथ ही राज्यों ने प्रवेश शुल्क को इस प्रणाली में सम्मिलित करने पर सहमति जताई है। यह यह व्यवस्था अप्रेल 2016 से कार्यान्वित की जानी प्रस्तावित है। सभी अप्रत्यक्ष करों को जीएसटी में सम्मिलित किए जाने के कारण राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान के मुआवजे के म ुद्दे पर वित्त मंत्रालय कानूनी सलाह लेगा कि इसे संविधान संशोधन विधेयक में कैसे शामिल किया जा सकता है. मंत्रालय इस विधेयक को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही लाना चाहता है।
सात राज्यों के वित्तमंत्री के साथ केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने करीब घंटे भर बैठक की, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। केंद्र व राज्यों में गतिरोध टूटने से जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को संसद में पेश किए जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है
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