पूनम पाण्डे, नई दिल्ली
देश भर के स्टूडेंट्स को मॉरल एजुकेशन देने के मकसद से अगले महीने से स्टूडेंट्स को संत तिरुवल्लुवर के बारे में भी बताया जाएगा। डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड हायर एजुकेशन ने प्रस्ताव रखा है कि जनवरी 2015 से देश भर के स्कूलों और हायर एजुकेशन में संत तिरुवल्लुवर के जीवन और उनकी रचनाओं के बारे में कॉम्पिटिशन आयोजित किए जाएंगे। एचआरडी मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के मुताबिक निबंध प्रतियोगिताएं, सेमिनार, वाद विवाद प्रतियोगिताएं सहित कई दूसरी प्रतियोगिताएं करवाना प्रस्तावित है। इससे नॉर्थ इंडिया के स्टूडेंट्स भी संत तिरुवल्लुवर के बारे में जान पाएंगे।\Bनैतिक ज्ञान भी मिले :\B बीजेपी सांसद तरुण विजय भी यह मसला राज्यसभा में उठा चुके हैं। उन्होंने तिरुवल्लुवर के उपदेशों को नॉर्थ इंडिया में भी प्रचारित करने की बात उठाई साथ ही कहा कि तिरुवल्लुवर के उपदेशों ने पिछली कई शताब्दियों से भारतीय जनमानस को प्रभावित किया है। एचआरडी मिनिस्ट्री के अधिकारी के मुताबिक साउथ इंडिया के महान लोगों को नॉर्थ इंडिया में भी पहचान मिले इसलिए यह कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि सीबीएसई की 10 वीं क्लास की कम्युनिकेटिव संस्कृत में तिरुवल्लुवर के उपदेश शामिल किए गए हैं।
तिरुवल्लुवर ने 'थिरूकुरल' की रचना की है। जिसमें बताया गया है कि गृहस्थ जीवन जीने के साथ-साथ एक शुद्ध और पवित्र जीवन जिया जा सकता है। उन्होंने मॉरल एजुकेशन पर काफी जोर दिया है। अलग अलग कॉम्पिटिशन के जरिए स्टूडेंट्स को उनकी कही बातों को जानने का मौका मिलेगा।
\Bब्रैंडिंग भी करेगी सरकार : \Bउन हस्तियों को जिनको अब तक इग्नोर किया
गया है सरकार उनकी ब्रॉडिंग की तैयारी भी कर रही है। एचआरडी मिनिस्ट्री के
अधिकारी के मुताबिक सब बातें सैलेबस में शामिल नहीं की जा सकती और यह लंबी
प्रकिया भी है। इसलिए अलग अलग तरह से कॉम्पिटिशन आयोजित करवाने की योजना
बनाई गई है। कई संत जिन्होंने भारतीय मूल्यों की रक्षा के उपदेश दिए हैं
उनके बारे में कॉम्पिटिशन के जरिए प्रचारित किया जा सकता है। साथ ही इस तरह उनकी ब्रैंडिंग भी हो जाएगी।
\Bभूली विरासत पर फोकस :\B एचआरडी मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि उन शख्सियतों के बारे में स्टूडेंट जानें जिनके योगदान की अब तक ज्यादा चर्चा नहीं की गई। अगस्त में सीबीएसई ने पिंगली वेंकैया पर राइटिंग प्रतियोगिता करवाई थी। वेंकैया ने सबसे पहले भारत का राष्ट्रीय ध्वज डिजाइन किया था। एचआरडी मिनिस्ट्री के अधिकारी ने कहा कि ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है जिनका आजादी से लेकर देश के विकास में अहम योगदान रहा है लेकिन अब तक उनके योगदान की अनदेखी हुई है।
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