महुआ चटर्जी, नई दिल्ली
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच जारी घमासान की चपेट में पश्चिम बंगाल भी आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' पश्चिम बंगाल में शुरू नहीं हो पाई है। दरअसल राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सांसदों से कहा है कि वे इस योजना को नजरअंदाज करें।
राज्य के 42 लोकसभा और 16 राज्यसभा सांसदों में से सिर्फ दो ने ही इस योजना के लिए गांव गोद लिए हैं। इनमें बीजेपी के दो सांसदों में से एक एस.एस. अहलूवालिया हैं और दूसरे हैं तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुल्तान अहमद। अहमद अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं जिन्होंने गांव गोद लिया है। दार्जिलिंग से बीजेपी के सांसद अहलूवालिया ने नक्सबाड़ी जिले के हाथीघीसा पंचायत ब्लॉक को और अहमद ने हावड़ा जिले के बनीबन को गोद लिया है।
टीएमसी सूत्रों का कहना है कि पार्टी चीफ ने केंद्र की योजना को नजरअंदाज करने के लिए कहा है। मगर यह साफ नहीं हो पाया है कि राज्य से सीपीएम और कांग्रेस के सांसदों ने अब तक क्यों कोई गांव गोद नहीं लिया। राज्य के कुल 58 सांसदों मे से इस वक्त तृणमूल के पास 46 सांसद हैं, जिनमें से 34 लोकसभा में हैं और 12 राज्यसभा में। कांग्रेस के लोकसभा में 4 और राज्यसभा में एक, सीपीएम के पास लोकसभा में 2 और राज्यसभा में तीन सांसद हैं।
पश्चिम बंगाल से ठीक विपरीत कई बड़े राज्यों के सांसदों ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव गोद लेने में फुर्ती दिखाई है। हरियाणा(13 सांसद), राजस्थान(31), उत्तर प्रदेश(84), गुजरात(36), बिहार(47), असम(13), छत्तीसगढ़(13), केरल(28), महाराष्ट्र(66) और तमिलनाडु(44) जैसे राज्यों में सांसदों द्वारा गांवों को गोद लेने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है।
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच जारी घमासान की चपेट में पश्चिम बंगाल भी आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी 'सांसद आदर्श ग्राम योजना' पश्चिम बंगाल में शुरू नहीं हो पाई है। दरअसल राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सांसदों से कहा है कि वे इस योजना को नजरअंदाज करें।
राज्य के 42 लोकसभा और 16 राज्यसभा सांसदों में से सिर्फ दो ने ही इस योजना के लिए गांव गोद लिए हैं। इनमें बीजेपी के दो सांसदों में से एक एस.एस. अहलूवालिया हैं और दूसरे हैं तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुल्तान अहमद। अहमद अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं जिन्होंने गांव गोद लिया है। दार्जिलिंग से बीजेपी के सांसद अहलूवालिया ने नक्सबाड़ी जिले के हाथीघीसा पंचायत ब्लॉक को और अहमद ने हावड़ा जिले के बनीबन को गोद लिया है।
टीएमसी सूत्रों का कहना है कि पार्टी चीफ ने केंद्र की योजना को नजरअंदाज करने के लिए कहा है। मगर यह साफ नहीं हो पाया है कि राज्य से सीपीएम और कांग्रेस के सांसदों ने अब तक क्यों कोई गांव गोद नहीं लिया। राज्य के कुल 58 सांसदों मे से इस वक्त तृणमूल के पास 46 सांसद हैं, जिनमें से 34 लोकसभा में हैं और 12 राज्यसभा में। कांग्रेस के लोकसभा में 4 और राज्यसभा में एक, सीपीएम के पास लोकसभा में 2 और राज्यसभा में तीन सांसद हैं।
पश्चिम बंगाल से ठीक विपरीत कई बड़े राज्यों के सांसदों ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव गोद लेने में फुर्ती दिखाई है। हरियाणा(13 सांसद), राजस्थान(31), उत्तर प्रदेश(84), गुजरात(36), बिहार(47), असम(13), छत्तीसगढ़(13), केरल(28), महाराष्ट्र(66) और तमिलनाडु(44) जैसे राज्यों में सांसदों द्वारा गांवों को गोद लेने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है।
No comments:
Post a Comment